शिकारी संग्रहकर्ता जीवन की कलाएं


Posted June 30, 2022 by kumaramit

शिकारी संग्रहकर्ता समाजो में कला की कई अभिव्यक्ति मिलती है जैसे नक्काशी करना , हड्डियों की रंगाई , सफाई और पॉलिश करना या हड्डीओं में छेद करना आदि।

 
पिछले पाठ में हमने आपको शिकारियों के जीवन से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते बताई थी जैसे उनके शरीर का विकास, उनका आधुनिक मानव के शारीरिक रूप में आना, उनका भिन्न प्रकार के औज़ार बनाना, उनका उपयोग करना , उनका रहन सहन और जीवन शैली आदि। अब हम आपको उनके जीवन में कला का क्या महत्व था। उन्होंने कितने प्रकार की कलाएं सीख ली थी वे इनका उपयोग क्या दर्शाने के लिए करते थे। ठीक ठीक किस काल में कला का उपयोग होने लगा।

कितनी तरह की कलाएं प्रचलित थी
शिकारी संग्रहकर्ता समाजो में कला की कई अभिव्यक्ति मिलती है जैसे नक्काशी करना , हड्डियों की रंगाई , सफाई और पॉलिश करना या हड्डीओं में छेद करना आदि। यह सब मध्यपूरापाषाण मे शुरू हो चुका था। वैसे इसके ज्यादातर सबूत ऊपरी पूरा पाषाण युग में देखने को मिलते है जैसे हड्डियों की सफाई , रंगाई , चिन्हित करना , कलाकृतिया , मुर्तिया तथा गुफा या पत्थरो पर चित्रकारी आदि।

अधिकांश कलाएं ऊपरी पूरा पाषाण युग के अंतिम चरण की है। सबसे ज्यादा प्रमाण प्रागैतिहासिक गुफाओ या पत्थरो से मिलते है। दीवारों या गुफा की छत पर और फर्श पर बनी चित्रकारिया अभी भी मौजूद है और इन्हे पार्श्विका कला कहते है (जिसका अर्थ है चट्टानों को काटकर उन पर की गयी नक्काशी और रंगाई) इसे “रॉक आर्ट” भी कहते है। पेट्रोग्लिफ्स भी इसी श्रेणी में आते है। ये चित्रकारिया लगभग 44,000 वर्ष से अधिक पुराने हैं। अधिकांश चित्रकारिया और नक्काशियां यूरोप और एशिया में पाए गए है।

altamira-caves
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कला के तरीके
इन्हे बनाने के लिए नक्काशी और रंगाई की कला का उपयोग होता था। वे पशुओं का शिकार करते थे तो उनका आकर्षण पशुओ की तरफ था। इसलिए पशुओ के चित्र अधिक बनाया करते थे जैसे मैमथ , मछली , पक्षी आदि। कई चित्रों में एक अलग तरह का काल्पनिक पशु बनाया गया है जिसमे कई दूसरे जानवर के अंग मिले होते थे। मनुष्यो के चित्र वैसे कम बनाये गए है पर कई जगहों पर ऐसे चित्र मिले है जिसमे मानव आकृतियों के हाथो में हथियार है मनुष्य के केवल रेखांकन आकृतिया मिलती है। चित्रकारियों में भूरे , पीले , काले और लाल रंगो का इस्तेमाल किया गया है।चित्र बनाने में मैंगनीज़ ऑक्साइड , गेरू जैसे रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल होता था। एक बात तो साफ़ है की चित्रकारी करते समय पहले किसी नुकीले पत्थर या औज़ार से नक्काशी की जाती होगी और फिर उसमे रंग भरा जाता होगा। रंग भरने के लिए लकड़ी या कोई छोटा ब्रश इस्तेमाल किया जाता था।
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Last Updated June 30, 2022